वर्तमान में बांदीकुई शहर की आबादी लगभग 75 हजार है। यहाँ की नगरपालिका 40 वार्डो में विभक्त है। यह शहर रेलवे का बड़ा जक्शन है जहाँ से पूरे देश के लिए ट्रेन उपलब्ध है। बांदीकुई देश में पर्यटन की दृष्टि से गोल्डन ट्राइएंगल दिल्ली, जयपुर और आगरा के मध्य स्थित है। यहाँ से दिल्ली 200 किमी, जयपुर 90 किमी और आगरा 150 किमी दूर है। भरतपुर और अलवर क्रमशः 90 और 60 किमी दूर है।
रियासत काल में बांदीकुई ढूढाड (जयपुर) रियासत में आता था। वर्तमान बांदीकुई का स्वरूप राजस्थान में रेल आगमन के साथ अस्तित्व में आया। अप्रैल 1874 में आगरा फोर्ट एवम बांदीकुई के मध्य तत्कालीन राजपुताना में पहली ट्रैन चली। उसके बाद तत्कालीन जयपुर महाराजा सवाई माधोसिंह जी ने यहां पर माधोगंज के नाम से अनाज मंडी की स्थापना की। व्यापार और रेल आवागमन के कारण बांदीकुई ने कालांतर में एक शहर का रूप ले लिया। कुल मिलाकर यही कहना सही होगा कि बांदीकुई के विकास की नींव रेल ही है। इस लिए बांदीकुई को रेल नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर भारत की सबसे बड़ी रेलवे कॉलोनी है बांदीकुई का जंक्शन अति सुंदर और मनोरम है। यहां की सुंदरता और स्वच्छता आगंतुकों के मन को बहुत लुभाती है रेलवे कॉलोनी बांदीकुई बहुत सुंदर है जिसमें गांधी ग्राउंड, रेलवे पार्क, सुभाष चंद्र बॉस पार्क बना हुआ है। यहां पर आरपीएफ का ट्रेनिंग सेंटर है जो नए भर्ती होने वाले आरपीएफ जवानों का भर्ती स्थल भी है और यहां पर भर्ती होने वाली नये आरपीएफ जवानों की ट्रेनिंग भी करवाई जाती है